क्या विज्ञान पश्चिम में शुरू हुआ?
पश्चिमी इतिहास के मुताबिक विज्ञान ग्रीक लोगों में शुरू हुआ और यूरोप में नवजागरण के बाद विकसित हुआ. इस कहानी को तीन चरणों में गढ़ा गया था.
पहला, क्रुसेड (यानी युरोपी धर्मयुद्ध) के दौरान एक अरब किताबघर ईसाईयों के कब्जे में आया और उन किताबों का सामूहिक अनुवाद हुआ. धार्मिक उन्माद के उस माहौल में दुश्मन से सीखना कैसे उचित ठहराया जाय? इसलिये कहा गया कि इन किताबों में जो विज्ञान है वह सब ग्रीक मूल का है. दो प्रमुख मामले यूक्लिड (ज्यामिति) और क्लोडिअस टोलेमी (खगोल विज्ञान) — दोनों ही मनगढ़ंत हस्तियाँ — के द्वारा इस प्रक्रिया को इस पुस्तक में दर्शाया गया है.
दूसरा, इनक्विजिशन के दौरान, समूची दुनिया के वैज्ञानिक ज्ञान को फिर धर्मशास्त्रीय-रूप-से-सही मूल देने की कोशिश की गई यह कह कर कि यह ज्ञान दूसरों से संचारित
नहीं था, बल्कि यूरोपियों ने इसकी "स्वतंत्र रूप से पुन: खोज" की. कोपर्निकस और न्यूटन (कैल्कुलस) के मामले इस "पुन: खोज द्वारा क्रांति" को दर्शाते हैं.
तीसरे, इस विनियोजित ज्ञान की पुनर्व्याख्या कर उसे क्रुसेडोत्तर क्रिस्तानी धर्मशास्त्र के अनुकूल बनाया गया. नस्लवादी और उपनिवेशवादी इतिहासकारों नें इसका फायदा उठाते हुए यह कहा कि (धर्मशास्त्रीय रूप से) "सही" विज्ञान (ज्यामिति, कैल्कुलुस, आदि) सिर्फ़ यूरोप में ही मौजूद था.
इन प्रक्रियाओं से विनियोजन अब भी जारी है.
जल्द जानकारी
प्रकाशक:
दानिश बुक्स, नई दिल्ली, 2009
आइ एस बी एन : 978-81-89654-77-1
प्रस्तावना : विनय लाल, केलिफ़ोर्निआ विश्वविद्यालय, लोस एन्जेलीस
अंग्रेजी सन्स्करण :
मल्टिवर्सिटी और सिटिज़ेन्स इन्टेर्नेशनल, पेनांग, मलेशिया
डा ए पी जे अब्दुल कलाम के साथ चंद्रकांत राजू
प्रेस विज्ञप्ति